मॉनसून में त्वचा संबंधी तमाम तरह के संक्रमण और परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मॉनसून को संक्रमण का मौसम भी कहा जाता है। हालांकि, यदि ध्यान दिया जाए और त्वचा की सही देखभाल की जाए तो संक्रमण को रोका जा सकता है।

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से कई तरह के जीवाणुओं की ग्रोथ बढ़ जाती है। वहीं ह्यूमिडिटी के कारण त्वचा बेहद चिपचिपी हो जाती है। जिसके कारण धूल, गंदगी, पसीना यहां तक संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु भी त्वचा पर आसानी से चिपक जाते हैं। इनकी वजह से त्वचा संबंधी तमाम तरह के संक्रमण और परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मॉनसून को संक्रमण का मौसम भी कहा जाता है। हालांकि, यदि ध्यान दिया जाए और त्वचा की सही देखभाल की जाए तो संक्रमण को रोका जा सकता है।

बरसात में होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं को समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग, नई दिल्ली, की कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. महिमा अग्रवाल से बात की। डॉक्टर ने बरसात में होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए इससे बचाव के कुछ टिप्स (Monsoon Skincare) भी दिए हैं। तो चलिए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

त्वचा के लिए ये 7 समस्याएं लेकर आता है बरसात का मौसम (Monsoon skin problems)

1. त्वचा संक्रमण (skin infection)

बरसात में वातावरण में नमी बानी रहती है और इस तरह का मौसम कई फंगल संक्रमणों के लिए प्रजनन भूमि के रूप में कार्य कर सकता है। इस दौरान जीवाणुओं के बढ़ते ग्रोथ से छोटी सी भी लापरवाही आपको त्वचा संक्रमण का शिकार बना सकती है। आपको यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखना होगा कि यह मौसम आपकी त्वचा को नुकसान न पहुंचाए।

itching and rashes in rainy season
बरसात में बढ़ जाता है स्किन इन्फेक्शन का खतरा। चित्र: शटरस्टॉक

2. त्वचा एलर्जी (skin allergy)

मानसून का मौसम मुख्य रूप से त्वचा एलर्जी के लिए जाना जाता है, खासकर मेट्रो सिटी में जहां प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक होता है। ये एलर्जी के लक्षण आमतौर पर हाथ, ऊपरी पीठ, पैर और शरीर के अन्य खुले क्षेत्रों पर दिखाई देते हैं।

विशेषज्ञ के अनुसार, हिस्टामाइन नामक रसायन तब उत्पन्न होते हैं, जब आपका शरीर रैगवीड, पालतू जानवरों की रूसी, पराग या धूल के कण जैसे एलर्जी ट्रिगर के सीधे संपर्क में आता है। एंटीहिस्टामाइन हिस्टामाइन को कम करने या अवरुद्ध करने के लिए उपयोगी होते हैं और बारिश से होने वाली एलर्जी के लक्षणों को रोकने के लिए भी जाने जाते हैं।

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3. हाइपरपिग्मेंटेशन (hyper pigmentation)

हाइपरपिग्मेंटेशन नमी से संबंधित एक और त्वचा विकार है, जिसमें त्वचा पर, खास तौर पर चेहरे पर, फीके, काले धब्बे दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। यह त्वचा संबंधी समस्या तब होती है, जब मेलानोसाइट्स सूर्य के सीधे संपर्क में आने के कारण अति सक्रिय हो जाते हैं।

4. एथलीट फुट (athlete foot)

फंगल संक्रमण जो ज़्यादातर पैर, नाखूनों (पैरों पर फंगस उगता है) के आस-पास की त्वचा को प्रभावित करता है, जिससे खुजली और छाले बनते हैं। प्रभावित त्वचा और नाखून खुरदरे, फटे हुए और कभी-कभी रंगहीन भी दिखाई देते हैं। नमी के कारण बरसात के मौसम में यह अधिक कॉमन हो जाता है।

skin infection
हरे रंग की मामूली सी दिखने वाली पत्तियों को अगर खुजली और दाद की समस्या पनप रही है, तो उस पर ज़रूर लगाएं। चित्र : शटरस्टॉक

5. एक्जिमा (eczema)

यह एक गैर-संक्रामक त्वचा संबंधी स्थिति है, जिसमें त्वचा में सूजन, लालिमा और खुजली होती है। त्वचा का प्रभावित क्षेत्र भी खुरदरा और फटा हुआ दिखाई देता है और छाले बन जाते हैं। यह मानसून उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए जाना जाता है, जो स्थिति और उससे जुड़ी असुविधा को काफी हद तक बढ़ा देता है। एक्जिमा या संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को मानसून के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

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6. मुहांसे (acne)

डॉक्टर महिमा के अनुसार एक्ने बरसात के मौसम में होने वाली सबसे आम त्वचा समस्याओं में से एक है। नमी और ह्यूमिडिटी के कारण पसीना बढ़ सकता है, और परिणामस्वरूप आपकी त्वचा के छिद्रों में अधिक गंदगी फंस सकती है। यदि आप अपनी त्वचा की सही देखभालनहीं करती हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आपको मुहांसे और अन्य प्रकार की त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

7. तैलीय त्वचा (oily skin)

नम मौसम सीबम उत्पादन में वृद्धि का कारण होता है, यह आपकी त्वचा को तैलीय बना सकता है। इससे आपकी त्वचा लाल हो जाती है और अतिरिक्त तेल के कारण मुहांसे और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।

जानें इस स्थिति में कैसे रखना है त्वचा का ध्यान (How to stay safe in monsoon)

डॉक्टर महिमा के अनुसार यदि त्वचा की सही देखभाल की जाए, और इनकी आवश्कता अनुसार इन्हे स्किन केयर प्रोडक्ट्स के माध्यम से पोषण दिया जाए, तो बारिश के मौसम में भी त्वचा को स्वस्थ रखना मुमकिन है।

1. समग्र शारीरिक त्वचा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। नियमित रूप से शॉवर लेने के बाद बॉडी को अच्छी तरह से ड्राई करें और अपने कपड़ों (खासकर अंडरगारमेंट्स) को साफ और पूरी तरह से ड्राई करने के बाद ही पहनें।

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बरसात के मौसम में त्वचा का रखें खास ध्यान। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. बारिश में भीगने से बचने का प्रयास करें, इसके लिए बहार जाने से पहले अपने पास साथ रेनकोट या छाता रखें। बारिश में भीगने से त्वचा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

3. बारिश के मौसम में त्वचा संक्रामक बेहद आम हो जाती है, इसे बचाव के लिए किसी को अपने कपड़े और निजी सामान साझा करने से बचना चाहिए।

4. आपका आहार भी त्वचा संक्रमण की घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्म और मसालेदार भोजन से परहेज करें, इसके जगह, अधिक फल (आम, तरबूज से बचें), सब्जियां, दही, बादाम, लहसुन, ब्राउन राइस, ओट्स आदि का सेवन करें।

5. अपने शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें। नियमित अंतराल पर पानी को (अधिमानतः शुद्ध या उबला हुआ) घूंट-घूंट करके पिएं।

6. औषधीय साबुन, एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल क्रीम और पाउडर का उपयोग सहायक हो सकता है। यदि आपको किसी विशेष तरह का संक्रमण या स्किन कंडीशन है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करें, स्वयं इलाज शुरू कर देना आपकी स्थिति को खराब कर सकता है।

7. आमतौर पर बरसात में बादल होने पर लोग सनस्क्रीन स्किप करना शुरू कर देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा संबंधी समस्यायों का खतरा बढ़ जाता है। बाहर निकलने से पहले ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाना न भूलें।

8. डीप क्लींजिंग और उचित एक्सफोलिएशन के लिए सप्ताह में कम से कम एक या दो बार कॉफी फेस स्क्रब का प्रयोग करें।

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