पैड का प्रयोग करने से खुजली और जलन का सामना करना पड़ता है। मेंस्ट्रुअल कप न केवल रीयूजे़बल है बल्कि स्पॉटिंग का खतरा कम हो जाता है। जानते हैं कैसे मानसून में सैनीटरी पैड की जगह मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल है हाइजीनिक

बारिश के दिनों में वातावरण में मॉइश्चर का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कभी भी होने वाली हल्की बूंदा बांदी कपड़ों को गीला करने के लिए काफी रहती है। अब बदलते मौसम में हवा में नमी का प्रभाव और बारिश की बूंदे पीरियड साइकल में चिंता को बढ़ा देती हैं। इससे बार बार गीलापन महसूस होने लगता है और स्टेन लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सैनीटरी पैड को मेंस्ट्रुअल कप से रिप्लेस करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। जानते हैं कि कैसे मानसून के दिनों में सैनीटरी पैड की जगह मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल है हाइजीनिक।

हवा में नमी रहने से पीरियड के दौरान पैड का प्रयोग करने से वेजाइना के इर्द गिर्द खुजली और जलन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मेंस्ट्रुअल कप न केवल रीयूजे़बल है बल्कि स्पॉटिंग का खतरा भी कम हो जाता है और मॉइश्चर से बढ़ने वाली स्वैटिंग से इंफैक्शन के जोखिम से भी बचा जा सकता है।

मेंस्ट्रुअल कप मॉनसून में किस प्रकार से है फायदेमंद

इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजुम के अनुसार फनल के आकार का मेंस्ट्रुअल कप 10 से 12 घंटे तक पहन सकती है। सिलिकॉन से तैयार इस कप से किसी प्रकार की लीकेज का खतरा नहीं रहता है। साथ ही स्वैटिंग के चलते संक्रमण का जोखिम भी कम हो जाता है। वहीं दूसरी ओर बार बार कपड़े गीले होने या पसीना आने से पैड से योनि में इंफैक्शन का खतरा रहता है। इसके अलावा स्वीमिंग के दौरान भी मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है।

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देर तक पैड चेंज न करने से संकमण बढ़ जाता है और वेजाइना में असुविधा बढ़ जाती है। ऐसे में इंफैक्शन से बचने के लिए मेंस्ट्रुअल कप प्रयोग करें। चित्र- अडोबी स्टॉक

जानें मेंस्ट्रुअल कप से पैड को क्यों करें रिप्लेस (reasons of using menstrual cup instead of sanitary pad) 

1. स्वैटिंग और इंफैक्शन से बचाए 

बारिश के दिनों में वातावरण में मॉइश्चर बढ़ने लगता है। इससे पैड और पीरियड पैंटी में गीलापन बना रहता है, जिससे संक्रमण का प्रभाव बढ़ जाता है और इचिंग, जलन और पीरियड स्मैल का सामना करना पड़ता है। देर तक पैड चेंज न करने से संकमण बढ़ जाता है और वेजाइना में असुविधा बढ़ जाती है। ऐसे में इंफैक्शन से बचने के लिए मेंस्ट्रुअल कप प्रयोग करें।

2. लीकेज से बचाते हैं

भारी बारिश में समय पर पैड न चेंज कर पाने से लीकेज की संभावना बनी रहती है। ऐसे में मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग करने से लीकेज का खतरा कम हो जाता है और पैड भीगने का खतरा भी नहीं रहता है। इससे रिसाव का जोखिम कम होने के अलावा हर गतिविधि में हिस्सा लेने में भी मदद मिलती है।

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3. पूरी तरह से है इको फ्रेंडली

मेंस्ट्रुअल कप न केवल पॉकिट फ्रेंडली है बल्कि इको फ्रेंडली भी है। बार बार प्रयोग किए जाने वाले पैड पर्यावरण में प्रदूषण का कारण साबित होते हैं। ऐसे में दूसरी ओर एक ही मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग बार बार किया जा सकता है। धोकर इस्तेमाल करने से सैनिटरी पैड के झंझट से मुक्ति मिल जाती है। इसे एक बार खरीदने के बाद सालों तक प्रयोग में लाया जा सकता है।

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मेंस्ट्रुअल कप न केवल पॉकिट फ्रेंडली है बल्कि इको फ्रेंडली भी है। बार बार प्रयोग किए जाने वाले पैड पर्यावरण में प्रदूषण का कारण साबित होते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. असुविधा से करे बचाव

पैड को चेंज न कर पाने के चलते गीलेपन की समस्या बनी रहती है। इससे महिलाएं खुद को अनकंर्फटेबल महसूस करने लगती हैं। ऐसे में लीकेज की चिंता किए बगैर बस, कैब और ट्रेन में आसानी से सफर कर सकते हैं। इसके अलावा चलना, फिरना व दौड़ना भी आसान हो जाता है। सिलिकॉन से तैयार मेंस्ट्रुअल कप की ग्रिप मज़बूत होने से वे योनि के अंदर सील हो जाते हैं।

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