यह बात 29 दिंसबर की बताई जा रही है। महिला को बहुत थकान हो रही थी और आंखों से सब धुंधला दिखने लगा था। उसने तुरंत मदद के लिए एपल वॉच का सहारा लेने की सोची। उसने एपल वॉच के SOS फीचर की मदद ली। NDTV के अनुसार, बाद में पता चला कि उसकी ये हालत कार्बन मोनॉक्साइड के कारण हुई थी। महिला के अनुसार, वह सुबह 8 बजे उठी थी और काफी थकान महसूस कर रही थी। उसने सभी अपॉइंटमेंट्स कैंसल कर दिए। फिर वह सोफे पर लेट गई। उसके लिए यह बहुत डरावना था। वो अपनी सुध खोती जा रही थी। उसको आंखों से कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था।
मदद के लिए उसने एपल वॉच का सहारा लिया। फिर फायर डिपार्टमेंट से बचाव करने दल के लोग आए और उसको बेड से उठाकर घर से बाहर निकाला। घर में कार्बन मोनॉक्साइड होने की पुष्टि हुई। यह 80 PPM थी जो कि बहुत ज्यादा मात्रा में थी। महिला के अनुसार यह गैस खराब हीटर में से निकली होगी।
क्या है कार्बन मोनॉक्साइड, कहां पाई जाती है?
सेंटर फॉर डसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, कार्बनमोनॉक्साइड (CO) एक बिना गंध वाली, बिना रंग वाली गैस होती है जो मनुष्य की जान ले सकती है। कार और ट्रकों में जब ईंधन जलता है तो यह पैदा होती है। छोटे इंजनों, स्टोव, लालटेन, ग्रिल, फायरप्लेस, गैस रेंज, और चूल्हे आदि में यह पाई जाती है। यह घर के भीतर भी पैदा हो सकती है और इसमें सांस लेने वाले जीवों की मौत का कारण भी बन सकती है।
क्या हैं लक्षण?
आम लक्षणों में गैस के प्रभाव में आने वाले व्यक्ति के सिर में दर्द होता है, उसे कमजोरी होती है, पेट खराब हो सकता है, उल्टी आ सकती है, छाती में दर्द उठ सकता है, और कंफ्यूजन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।