इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स के कम्प्लायंस में पब्लिश की गई कंपनी की अपनी मंथली रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 71,96,000 एकाउंट्स को बैन किया गया है। कंपनी ने इनमें से लगभग 19,54,000 एकाउंट्स को यूजर की ओर से पॉलिसी के उल्लंघन की रिपोर्ट मिले बिना बैन किया है। वॉट्सऐप के यूजर्स को कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की रिपोर्ट देने की अनुमति होती है। इसके साथ ही यह ऐसे पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की पहचान के लिए अपने सिस्टम्स का भी इस्तेमाल करता है।
पिछले वर्ष नवंबर में कंपनी के ग्रिवांस ऑफिसर को छह निवेदन मिले थे। इनमें से एक बैन की अपील से जुड़ा था और बाकी सपोर्ट के लिए थे। इसके साथ ही कंपनी को 8,841 ग्रिवांस मिली थी और इसने ग्रिवांस अपीलेट कमेटी की ओर से दिए गए 8 ऑर्डर्स का पालन किया था। इससे पिछले महीने में वॉट्सऐप को कुल 9,063 रिपोर्ट मिली थी। इनमें सबसे अधिक 4,771 बैन की अपील के लिए थी। अन्य रिपोर्ट्स एकाउंट सपोर्ट, प्रोडक्ट सपोर्ट और सेफ्टी से जुड़ी थी। कंपनी को अक्टूबर में ग्रिवांस अपीलेट कमेटी (GAC) से पांच ऑर्डर प्राप्त हुए थे। इन सभी का पालन किया गया था। वॉट्सऐप पर भारतीय एकाउंट की पहचान ‘+91’ कंट्री कोड से होती है।
हाल ही में वॉट्सऐप चैनल्स का एक नया फीचर लॉन्च किया था। यह एक वन-वे ब्रॉडकास्ट टूल है। इसका मतलब है कि जो भी अपना वॉट्सऐप चैनल बनाता है, वह खुद से जुड़ी जानकारियों को अपने फॉलोअर्स तक पहुंचा सकता है। हालांकि, फॉलोअर्स उसके साथ सीधा कम्युनिकेशन नहीं कर सकते। वॉट्सऐप चैनल के जरिए टेक्स्ट, फोटो, वीडियो, स्टिकर और पोल भेजे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस फीचर के साथ जुड़े हैं। उनके चैनल को लाखों की संख्या में यूजर्स ने फॉलो किया है। इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राजनेताओं के लिए यह फीचर लोगों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है।
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